प्यार से भरा ये वतन मेरा_प्यार ही चाहता है,
हर ओर खुशहाली हो _यही दुआये मांगता है।
कोई हमे प्यार दे तो_प्यार ही लौटाएंगे
मगर बारूद के बदले _दुश्मन का सीना छलनी कर जाएंगे।
देश है मेरा मर्यादा की मिट्टी_ पर कृष्णा की भी बात सुनो ,
नहीं सहेंगे अन्याय किसी का_दुश्मन अपनी मर्यादा में रहो।
कोई परम्परा नही रोकेगी जब_अन्याय के खिलाफ शस्त्र उठाएंगे ,
मिट्टी भी शोले बरसाएगी_जब दुश्मन का सीना चीर जायेंगे।