हुआ था ऐलान जंग आज़ादी का और तब पायी थी 15-Aug-1947 में हमने गुलामी की जंजीरो से आज़ादी।
फिर आयी थे समस्या की कैसे संभाली जाएगी इस विशाल देश की जिम्मेदारी।
तब श्री भीम राव अम्बेडकर जी ने सुझाया था एक प्रावधान और घोषित किया था 26 -Jan-1950 को एक विशाल संविधान और इस तरह से उन्होंने आगाज़ किया था एक गणतंत्र भारत का निर्माण।
आज हमारे देश की एक सश्कत पहचान है-पुरे विश्व में भारत और भारत वाशियो का गुणगान है।
तरक्की के पथ पर हम हर रोज अग्रसर है पर सोचो जरा क्या ये मुमकिन था अगर नहीं दिया होता वीरो ने बलिदान।
ये गणतंत्र दिवस याद दिलाता है हमे शहीदो की कुर्बानियों का-उनके बलिदानो का ,
क्योंकि अगर नहीं लड़ी होती उन्होंने लड़ाई आज़ादी की तो आज वक़्त और हालत कुछ और और ही कहानी बयान करते और हमे नहीं मिल पाती आज़ादी की ज़िंदगानी।
वीरो ने खुद को कुर्बान किया और आज़ाद देश की बाग-डोर हम देशवाशियों के नाम किया।
हम शीश झुका कर नमन करते है वीरो का जिन्होंने अमर अपना नाम किया ।
हम है रंग नए भारत की, है उमंग हम इस भारत की,
नयी किरणे और फूलो से सजाएंगे हम देश अपना- मन में भर के जज़्बा और विश्वास,
और सदा याद रखेंगे वीरो का बलिदान।
Bharat mata ki jai...
ReplyDeleteJai Hind!
DeleteBharat mata ki jai...
ReplyDeleteJai hind! Nicely written..
ReplyDeleteThanku ��
DeleteThanku ��
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