क्यो तकलीफ होती है दिल मे जब कोई अपना साथ नही देता है?
क्यो तकलीफ होती है दिल मे जब कोई भीड़ मे तनहा छोड़ देता है?
क्यो तन्हाई दिल को बेचैन कर जाती है?
क्यो किसी अपने की जुदाई दिल को रुला जाती है?
क्यो कोई किसी से इतना प्यार करता है कि प्यार कमजोरी बन जाती है?
क्यो कोई किसी की याद मे गुमनाम सा हो जाता है?
आखिर क्या मतलब है अपनेपन का,प्यार का,
विश्वास का?
आख़िर हमारी जिंदगी हमे क्या सिखाती है?
क्या सच मे जिंदगी के सारे रास्ते बंद होते है जब जिंदगी तन्हाई लाती है?
क्या किसी पे निर्भर होके अपनी जिंदगी के फैसले करना ही हमारे जीवन का लक्ष्य है?
आखिर क्या कहती है जिंदगी हमसे जब मुश्किल लाती है?
क्यो हर इंसान अपनी जिंदगी मे मंजिल को पा नही पाता?
आखिर क्यो कोई जीत के भी खुशियो का जश्न मना नहीं पाता?
सुना है मैने कि जिदंगी तो हर पल साथ निभाती है,
फिर क्यो हम अपने हिम्मत को हार जाते है जिसपे चलना जिदंगी हमे हमेशा सिखाती है?