Saturday, 5 September 2015

Radhe-Krishna :Ek Alokik Prem Kahani





जय श्री राधे ,जय श्री कृष्णा। 
राधे-कृष्णा। 

दो सुर -एक ताल ,दो दिल -एक जान। 
जिनके प्यार को नही मिल पायी एक मुकमल पहचान ,
फिर भी आज दुनिया देती है हर वक़्त इनके सच्चे प्यार की मिशाल। 

जय श्री राधे ,जय श्री कृष्णा। 

ये मिले थे शायद बिछड़ने के लिए ,
और फिर बिछड़े ऐसे की दे दी,इन्होंने सच्चे प्यार को एक पहचान। 

जय श्री राधे ,जय श्री कृष्णा। 

जो नहीं बन पाये कभी हम-राही,सिखाया उन्होंने जहां को की ,
मिलन जुदाई नहीं है कसौटी सच्चे प्यार की। 

जय श्री राधे ,जय श्री कृष्णा। 

नही रोक पायी  जिनके सच्चे प्यार को ,दुनिया की रस्में -और ये कस्मे। 
नमन करती हूँ मै उस सच्चे प्यार का,
जो अमर है पूरे संसार में। 

जय श्री राधे ,जय श्री कृष्णा। 

Happy Krishna Janmashtami 


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