Monday, 10 August 2015

College First Day : Memory




















डरी-डरी ,सहमी-सहमी ,बातें भी थी कुछ थमी-थमी। 
दिल में थी उमंग भरी,आँखों में ख़ुशी-होठों में हंसी। 

सपनो की ओर बढ़ने कि ये एक थी पहल मेरी। 

ऐसा था वो दिन मेरा,था वो कॉलेज का पहला दिन। 
याद आये मुझको वो कॉलेज का पहला दिन। 

सब की आँखे देखे मुझको ,कि आयी है कौन ये नयी परी। 
सब के मन में ये सवाल था कि कौन है ये इसका नाम क्या ?

कुछ दोस्त मिले जो साथ में है,कुछ दुनिया की भीड़ में गुमनाम हुए। 
कुछ अच्छे थे -कुछ बुरे भी थी, पर सबसे एक पहचान बनी। 

याद आये मुझको वो कॉलेज का पहला दिन। 

कुछ सीखा मैंने ज़िंदगी को ,कुछ सिखा गए ज़िंदगनी मुझे। 
छोटी-छोटी बातो में खुशियों की उम्मीद मिली।
दुनिया की नयी  राहो में चलने को मै तैयार हुयी। 

अब कुछ यादों के पन्ने है,जो दिल में भरते है जोश मेरे। 
याद आये मुझको वो कॉलेज का पहला दिन। 



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