आज है दिन बहार का,आज है दिन त्यौहार का।
आज मिली थी हमे आजादी ,आज ही खुली थी बेड़ियाँ हाथो की।
आज इस पावन अवसर पर ,चलो करे हम उनका वंदन।
जिन्होंने दी थी कितनी क़ुरबानी,और किया वही जो करने कि थी मन में ठानी।
देश है मेरा फूलो जैसा ,हम सब है उसके कलियाँ।
हर एक कली की है अपनी कहानी ,
पर एक साथ सब जाने जाते है हिंदुस्तानी।
Jai hnidddd
ReplyDeleteJai hnidddd
ReplyDelete